Nov 7, 2025, 09:40 AM IST

वंदे मातरम से पहले कौन सा नारा गूंजता था ? बहुत कम लोगों को है पता

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आज, 7 नवंबर 2025 को हम ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं

यह गीत सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि भारत की आज़ादी की आत्मा है, जिसने लाखों देशवासियों को एक कर दिया था

भारत का स्वतंत्रता संग्राम सिर्फ युद्धों और नेताओं की कहानी नहीं था, बल्कि हर नारे और गीत में बसी थी देशभक्ति की ताकत

‘वंदे मातरम’ की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने की थी 7 नवंबर 1875 को इसे बंगाली पत्रिका बंगदर्शन में पहली बार प्रकाशित किया गया

बाद में यह गीत उनके उपन्यास आनंदमठ में शामिल हुआ रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे सुर दिया, और यह गीत देश की पहचान बन गया

1907 में मैडम भीकाजी कामा ने जर्मनी में भारत का पहला झंडा फहराया, जिस पर लिखा था — वंदे मातरम

क्या आप जानते हैं, ‘वंदे मातरम’ से पहले भी ऐसे नारे थे जो हर क्रांतिकारी के दिल में जोश भर देते थे?

यह नारा मौलाना हसरत मोहानी ने दिया था, लेकिन भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इसे अमर बना दिया

यह नारा कवि राम प्रसाद बिस्मिल की कविता से आया इसने युवाओं में देश के लिए जान देने का जोश भर दिया

‘जय हिंद’ का नारा सुभाष चंद्र बोस ने लोकप्रिय किया, जबकि ‘भारत माता की जय’ हर आंदोलन में गूंजता रहा

इन नारों और गीतों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया जब बंदूकें नहीं थीं, तब यही शब्द थे भारत की असली ताकत