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JJM घोटाले में 200 इंजीनियर्स SIT के शिकंजे में, 4 मसलों पर गहन जांच जारी
ACAshish Chauhan
Dec 19, 2025 07:47:44
Jaipur, Rajasthan
PHED में खलबली- JJM घोटाले में 200 इंजीनियर्स जांच के घेरे में, 4 मसलों पर SIT कर रही गड़बड़ी की जांच आशीष चौहान, एक्सक्लूसिव जयपुर-राजस्थान के JJM घोटाले में 200 इंजीनियर्स SIT के रडार पर है. चीफ इंजीनियर से लेकर JEN तक एसीबी के जांच के घेरे में है. 900 करोड़ के घोटाले में बड़ी संख्या में इंजीनियर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सूत्रों की माने तो SIT ने एक्सपर्ट्स से दस्तावेजों की जानकारी ली. SIT कई बार जलदाय मुख्यालय भी पहुंची. वहीं आईबी की नजर भी PHED पर टिकी है. बहुत जल्द SIT जांच के घेरे में आए इंजीनियर्स को पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुला सकती है. सूत्रों के मुताबिक JJM घोटाले में SIT 4 मसलों को लेकर गहनता से जांच कर रही है. मंत्री Kanshyalal Chaudhary का कहना है कि बड़े स्तर पर विभाग ने कार्रवाई की, सरकार ने बनाई SI भी लगातार काम कर रही.
20,000 करोड़ के स्पेशल टैंडर- जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ के स्पेशल प्रोजेक्ट में एसीबी जांच करेगी. 20 टैंडरों में शर्तें नियम बदलकर बड़ी फर्मों को अनुचित लाभ देने की कोशिश की गई. टैंडरों में साइड इंस्पेक्शन की शर्त लगाई थी, जिसमें टैंडर से पहले ही भाग लेने वाली फर्मों को साइट इंस्पेक्शन करना था और एक्सईएन को इसका प्रमाण पत्र देना था. इस प्रक्रिया से ये पहले ही पता लग गया कि कौन-कौन सी फर्में टैंडरों में भाग ले रही. जिस कारण पारदर्शिता पूरी तरह से भंग हुई. हालांकi वित्त विभाग ने इन टैंडरों को रद्द कर दिया, लेकिन विशेष शर्त लगाने वाले इंजीनियर्स पर एसीबी शिकंजा कस सकती है.
फर्जी प्रमाण में किस-किस की भूमिका- इरकॉन के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में कौन-कौन से इंजीनियर्स की भूमिका है, इसकी एसआईटी जांच करेगी. पिछली सरकार में इरकॉन कंपनी के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर 900 करोड़ के टैंडर जारी किए. ये टैंडर श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म को दिए गए. जब मामला खुला तो जांच के लिए एक्सईएन विशाल सक्सेना ने केरल जाकर झूठी रिपोर्ट पेश की. चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड का कहना है कि एसआई ने जो दस्तावेज मांगे, वो जल जीवन मिशन दफ्तर ने सौंपे है.
55 करोड़ के फर्जी पैमेंट पर गहरी नजर- श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म को बिना काम के 55 करोड़ के फर्जी पेमेंट में किया गया. जिसमें 139 इंजीनियर जांच के दायरे में है. इसमें 15 एक्सईएन, 40 एईएन और 50 जेईएन शामिल है. इंजीनियर्स ने जयपुर जिला सर्किट में 10 करोड़, कोटपूतली बहरोड में 14 करोड़, दौसा में 19, अलवर में 3, नीमकाथाना और झुंझुनू में 2.50-2.50 करोड़ का फर्जी पेमेंट किया गया.
ठेकेदारों के घर-दफ्तर में मिली MB की जांच- घोटाले में चौथा मामला ठेकेदारों के दफ्तर-घर से 178 से ज्यादा मेजरमेंट बुक मिलने की जांच की जा रही है. क्योंकि MB सरकार की प्रॉपर्टी है. अब ऐसे में संबंधित इंजीनियर्स एसआईटी के जांच के दायरे में आ सकते है. जल्द ही SIT बड़ी संख्या में पूछताछ के लिए बुला सकती है.
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