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Yamunanagar135001

गांव-गांव और शहर-शहर में कूड़े-गंदगी से प्रशासन की नाकामी उजागर

KSKULWANT SINGH
Dec 20, 2025 10:52:04
Yamuna Nagar, Haryana
जी मीडिया की मुहिम सुनो सरकार लगातार जारी है, जिसके तहत शहर, गांव, खेल खिलाड़ियों और आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को उजागर किया जा रहा है। इस मुहिम के तहत इस बार जी मीडिया की टीम गांव-गांव और शहर-शहर पहुंची, जहां जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और बदहाल व्यवस्थाएं साफ तौर पर प्रशासन की नाकामी बयां कर रही थीं। हैरानी की बात यह रही कि जिन जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर इन समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी है, वे इस गंभीर मुद्दे से मुंह फेरते नजर आए। जब जी मीडिया की टीम एक गांव में पहुंची तो वहां पिछले तीन वर्षों से पड़ा कूड़ा-करकट जस का तस मिला। ग्रामीणों ने कैमरे पर न आते हुए बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के सरपंच ने फोन पर सिर्फ इतना कहकर पल्ला झाड़ लिया कि कोई बात नहीं, करवा देंगे, लेकिन यह काम कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर गहरा डर भी देखने को मिला। ग्रामीणों ने कैमरे के सामने आने से साफ मना कर दिया और कहा कि अगर उन्होंने सरकार या प्रशासन के खिलाफ कुछ बोला तो उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए जाएंगे। यह डर अपने आप में प्रशासनिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। हालात सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं हैं। शहर के बीचों-बीच, बस स्टैंड जैसी प्रमुख जगह के पास लगे कूड़े के ढेर शहर की छवि पर एक गहरा दाग लगा रहे हैं। जहां रोजाना हजारों लोग आते-जाते हैं, वहां बदबू और गंदगी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। आम नागरिकों में भारी नाराजगी है और उनका कहना है कि प्रशासन मानो ठंड की तरह सिकुड़ कर अपने दफ्तरों में बंद हो गया है। अधिकारी न तो मौके पर पहुंचते हैं और न ही हालात का जायजा लेते हैं。
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AMAbhishek Mathur
Dec 20, 2025 12:42:58
Hapur, Uttar Pradesh:अगर आप भी सड़क पर चलते समय अपने बच्चों का हाथ छोड़ देते हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाईये! जरा सा ध्यान भटकते ही बच्चों के साथ बड़ा हादसा हो सकता है और इसमें बच्चों की जान पर भी बन आ सकती है. ऐसा ही हापुड़ जिले में हुआ. यहां नगर कोतवाली क्षेत्र के मौहल्ला पंजाबी कालौनी में एक बच्ची को छोड़कर उसकी बहिन सड़क के दूसरी ओर खड़ी हुई थी, इसी दौरान जैसे ही बच्ची भी अपनी बहिन की तरफ दौड़ी, तभी तेज रफ्तार स्कूटी की चपेट में आ गई. जिससे बच्ची उछलकर दूर जा गिरी, और उसके चेहरे व शरीर पर गंभीर चोटें आईं. हादसे की यह तस्वीरें इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं. जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि एक स्कूटी सवार सड़क पर तेज रफ्तार से गुजर रहा है और बच्ची अचानक से रोड क्रॉस करते समय स्कूटी के नीचे आ रही है. गनीमत रही कि हादसे के बाद मौके पर आसपास के लोग पहुंच गये और वह आनन-फानन में बच्ची को उपचार के लिए अस्पताल ले गये. जहां बच्ची का गंभीर हालत में उपचार चल रहा है. घटना के बाद बच्ची की मां ने नगर कोतवाली में स्कूटी सवार के खिलाफ तहरीर दी है, जिस पर पुलिस मामले में जांच कर रही है.
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ASAkash Sharma
Dec 20, 2025 12:41:52
Moradabad, Uttar Pradesh:कोडिन मामले मे आरोपी के अखिलेश यादव के साथ फोटो सामने आने पर अखिलेश के बचाव मे उतरी सांसद रूचि वीरा ने कार्यवाही पर उठाये सवाल, जो कार्यवाही होनी चाहिए थी वो अभी तक हुई नहीं है, बाबा का बुलडोजर अभी तक चला नहीं है। राजनीतक लोगो के साथ किसी का भी फोटो हो सकता है, मे भी किसी कों फोटो खिंचाने पर मना नहीं कर पाऊँगी तो फोटो होना अलग बात है, सपा और अखिलेश यादव बराबर कोडिन कफ सिरप के आरोपियों पर कार्यवाही की मांग कर रही है। पश्चिम बंगाल मे बाबरी नाम से मस्जिद बनाने कों लेकर छिड़े घमाशान पर सपा सांसद रूचि वीरा ने हुमायूं कबीर कों बताया बीजेपी का एजेंट, जो बाबरी का मुद्दा उठाये हुए है वो भाजपा के लोग है जो की 19 मे भाजपा से चुनाव लड़े है, हर इंसान कों पता है की वो भाजपा के एजेंट है, उनका कोई मुद्दा नहीं कोई ध्यान नहीं दे रहा। वहीँ धीरेन्द्र शास्त्री के बाबरी कों लेकर 92 दोहराने के बयान पर बीजेपी कों सपा सांसद ने घेरा, बोलीं ये तो वक्त बताएगा क्या होगा क्या नहीं, बाबरी का कोई मुद्दा नहीं लेकिन भाजपा ही इन मुद्दों कों उठवाती है, जो बीजेपी से चुनाव लडे आज बाबरी बनाने की बात करते है, ये तो सिर्फ भाजपा की ही चाल है। सपा सांसद आर. के. चौधरी के बयान पर बोलने से बचते हुए सपा सांसद रूचि वीरा ने वायु प्रदुषण पर बीजेपी पर साधा निशाना, बोलीं उनके बयान का तो मुझे नहीं पता लेकिन प्रदुषण से हर दिल्लीवासी परेशान है, 20 दिन दिल्ली मे रहकर पोल्यूशन का इतना असर है की मुझसे भी बोला नहीं जा रहा, सरकार का काम है हर आदमी स्वच्छ पानी और हवा दें, जब बेसिक चीज ही नहीं होगी सांस नहीं ले पाएंगे तो जिंदा कैसे रहेंगे। सरकार ने वादा किया था हम स्वच्छ पानी और हवा देंगे और नदियों कों स्वच्छ करेंगे, आज तक सरकार किसी नदी कों साफ नहीं कर पाई ना स्वच्छ वातावरण दे पाई, ये सरकार विफल है क्योंकि वादे चाहे रोजगार के हो या किसान की आमदनी के कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। मनरेगा के नाम बदलने पर उमर अब्दुल्लाह के केंद्र द्वारा राज्य सरकारों पर बोझ बढ़ाने के बयान के समर्थन मे उतरी सपा सांसद रूचि वीरा का केंद्र सरकार पर हमला, पहले 90%केंद्र सरकार देती थी और 10 % राज्य सरकार कों देना पड़ता था, केंद्र सरकार ने अब उसको 60% कर दिया, प्रदेश सरकारे पहले से ही कर्जे के बोझ मे लदी है, ये योजना कों सरकार ने एक तरह से ख़त्म कर मजदूरों कों छल करने का काम किया है。
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SKSundram Kumar
Dec 20, 2025 12:41:36
Patna, Bihar:कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियंका गांधी को बोलने से रोका गया। किरण रिज्जू के बयान को लेकर बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का निजी मामला है और दुर्भाग्य है कि कांग्रेस इस बात से घबराती है कि इतिहास उसका कार्यकाल से शुरू होता है। वर्तमान में हमेशा सकारात्मक प्रयास दिखते हैं, इसलिए अधिकांश देखा जाता है कि कांग्रेस अंत में व्रआउट करती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जी राम जी योजना गरीबों के हित में नहीं है। इस पर विवेक ठाकुर ने कहा कि मल्लिका अर्जुन खड़गे अभी तक पढ़े नहीं हैं और न ही ठीक से समझे हैं; उन्हें जानना चाहिए कि जो 100 दिन का मनरेगा था वह 125 दिन हो गया है। राज्य सरकार की सहभागिता बिल्कुल नहीं रहती थी, इसलिए वह एक छोटा हुआ चीज था; अब राज्य सरकार भी इसमें अपनी सहभागिता निभाएगा और अकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी। ग्रामीण सड़क के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना आई थी, उसके बाद मुख्यमंत्री सड़क योजना आया, उसी के चलते गांव के रास्ते का स्वरूप बदला।
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APAnand Priyadarshi
Dec 20, 2025 12:41:20
Chaibasa, Jharkhand:मानवता शर्मसार: एम्बुलेंस के अभाव में पिता थैले में भर कर ले गया अपने 4 माह के मासूम बेटे का शव पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था और एम्बुलेंस सेवा के तमाम दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सदर अस्पताल, चाईबासा में एम्बुलेंस नहीं मिलने पर एक बेबस पिता को अपने महज चार महीने के मासूम बच्चे के शव को थैले में रखकर बस से गांव ले जाना पड़ा। यह दृश्य न सिर्फ आंखें नम कर गया, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता को भी उजागर कर गया। नोवामुंडी प्रखंड के बालजोड़ी गांव निवासी डिम्बा चतोम्बा अपने बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। परिजनों को उम्मीद थी कि अस्पताल में उनके बच्चे की जान बच जाएगी, लेकिन इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से शव को गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। बताया जाता है कि वे घंटों अस्पताल परिसर में इंतजार करते रहे, लेकिन एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। न तो अस्पताल प्रबंधन ने कोई वैकल्पिक इंतजाम किया और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाई। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर डिम्बा चतोम्बा के पास निजी वाहन किराए पर लेने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में वार्ड में मौजूद लोगों ने आपस में चंदा कर कुछ रुपये जुटाए। उन्हें ही पैसों से एक थैला खरीदा गया, जिसमें अपने चार माह के मासूम बेटे के शव को रखकर पिता को बस से बालजोड़ी गांव ले जाना पड़ा। इस मंजर ने वहां मौजूद हर शख्स को भीतर तक झकझोर दिया। यह घटना एक बार फिर 108 एम्बुलेंस सेवा और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत सामने लाती है। कागजों में गरीबों के लिए मुफ्त और त्वरित स्वास्थ्य सेवा के दावे किए जाते हैं, लेकिन जरूरत के वक्त वही व्यवस्था जवाब दे जाती है। इधर मामला सामने आते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। पश्चिम सिंहभूम जिले के उपायुक्त ने घटना का संज्ञान लेते हुए सदर एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो और सीओ उपेंद्र कुमार को तत्काल सदर अस्पताल भेजकर पूरे मामले की जानकारी लेने का निर्देश दिया। मामले की जांच अधिकारियों ने शुरू कर दी है। एसडीओ ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, जांच पूरी होने पर ही इस घटना के असल वजह का पता लग सकता है। मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ भारती मिंज ने बताया कि बच्चे का पिता काफी गरीब था उसे वापस लौटने के लिए चंदा इकठ्ठा कर उसकी मदद की गयी थी। इसके बाद एनजीओ के द्वारा संचालित शव वाहन दूसरी जगह गए होने के कारण उन्हें थोड़ी देर इंतजार करने को कहा गया था। लेकिन वह कब एक थैला खरीदकर अपने बच्चे को थैला में लेकर चला गया इसकी जानकारी अस्पताल को नहीं हो पाई. इधर पूर्व सांसद भाजपा नेत्री गीता कोड़ा ने इस घटना को लेकर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं. और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक पिता को अपने चार माह के मासूम बच्चे के शव के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार झेलने के लिए किसने मजबूर किया? आखिर ऐसी घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा और जवाबदेही कब तय होगी?
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PTPreeti Tanwar
Dec 20, 2025 12:39:20
Jaipur, Rajasthan:वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर, तापमान में हुई बढ़ोतरी, उत्तर पूर्वी राजस्थान में कोहरा राजस्थान में ठंड के मिजाज में लगातार उतार–चढ़ाव देखने को मिल रहा है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से उत्तरी हवाएं कमजोर हुई हैं, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि उत्तर पूर्वी राजस्थान में कुछ दिनों से कोहरा लगातार बना हुआ है। अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली सहित कई जिलों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। कोहरे की वजह से विजिबिलिटी घट गई, जिसका सीधा असर सड़क और हवाई यातायात पर पड़ा। शेखावाटी अंचल और भरतपुर संभाग में सुबह के समय स्टेट और नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक सामान्य से कम रहा। कोहरे का सबसे ज्यादा असर धौलपुर और भरतपुर जिले में देखने को मिला। धौलपुर के टिहरी गांव में कोहरे के कारण एक सड़क हादसा हो गया, जहां दो कारें पार्वती नदी में गिर गईं। राहत और बचाव कार्य के बाद दोनों कारों को बाहर निकाला गया। हवाई यातायात की बात करें तो जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोहरे के चलते 5 फ्लाइट्स डाइवर्ट होकर पहुंचीं। इनमें से कुछ फ्लाइट्स को देहरादून और चंडीगढ़ में खराब मौसम और कोहरे के कारण डायवर्ट किया गया था। "मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, अजमेर जयपुर कोटा बाड़मेर बीकानेर, जोधपुर और जैसलमेर को छोड़कर कई जिलों में न्यूनतम तापमान अभी भी सिंगल डिजिट में बना हुआ है। सीकर के फतेहपुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं लूणकरणसर में 7.2 डिग्री और नागौर में 8 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। अधिकतम तापमान की बात करें तो जयपुर में अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 2 डिग्री अधिक रहा। वहीं प्रदेश के ज्यादातर जिलों में दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग ने 23 और 24 दिसंबर को प्रदेश के 10 जिलों में घना कोहरा और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार 24 दिसंबर से उत्तरी हवाएं फिर प्रभावी होंगी, जिससे न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट आ सकती है। क्रिसमस के आसपास सर्दी के और तेज होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं बढ़ते कोहरे और ठंड के बीच प्रदूषण की समस्या भी गहराती नजर आ रही है। भिवाड़ी में एक बार फिर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है। शनिवार सुबह 7 बजे AQI खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया। इसके अलावा जयपुर, बीकानेर, टोंक, चूरू और जोधपुर में भी AQI 200 के ऊपर बना हुआ है, जिससे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम के इस बदलते मिजाज के बीच लोग अपनी सेहत को लेकर भी सतर्क नजर आ रहे हैं। ठंड और कोहरे के बावजूद जयपुर समेत कई शहरों में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते दिखे। पार्कों में लोग गर्म कपड़ों में टहलते हुए फिटनेस और इम्युनिटी बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं।
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VSVishnu Sharma
Dec 20, 2025 12:39:07
Jaipur, Rajasthan:उधार की पढ़ाई में 'पैसों का टोटा', कुछ इसी तरह के हाल प्रदेश में पुलिस ट्रेनिंग संस्थानों में आउटडोर ट्रेनिंग के हो रहे हैं। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में बाहर से आउटडोर ट्रेनरों को 13 साल पुराना ही मानदेय दिया जा रहा है। अब पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से आउटडोर ट्रेनरों को दिए जाने वाले मानदेय को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। सरकार यदि यह प्रस्ताव मंजूर कर लेती है तो ट्रेनरों का मानदेय दो से तीन गुना बढ़ जाएंगे। प्रदेश में राजस्थान पुलिस अकादमी सहित सात पुलिस ट्रेनिंग सेंटर है। पुलिस में भर्ती होने के बाद इन सेंटर में कांस्टेबल से लेकर पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर काबिल बनाया जाता है। सभी प्रशिक्षण संस्थानों में प्रारम्भिक प्रशिक्षण, पदोन्नति पाठ्यक्रम, रिफ्रेशर कोर्स, कमांडो कोर्स, ईआरटी कोर्स तथा अन्य स्पेशलाइजेशन कोर्स चलाए जाते हैं। अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग के लिए पुलिस में कार्यरत अधिकारियों, रिटायर्ड अधिकारियों के साथ ही दूसरी सेवा से रिटायर्ड अधिकारी या फिर वकील आदि को आउटसोर्स पर लिया जाता है। गेस्ट फैकल्टी के रूप में बुलाए जाने वाले इन व्यक्तियों को पढ़ाने के लिए मानदेय दिया जाता है। इन पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में आउटडोर ट्रेनिंग के लिए बाहर से ट्रेनर बुलाए जा रहे हैं। बाहर से आने वाले गेस्ट ट्रेनर्स को मानदेय दिया जा रहा है, लेकिन इनको दिए जा रहे मानदेय की दरें कम है। आउटडोर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षक स्तर से बहुत कम मानदेय मिल रहा है। इन्हें वर्ष 2013 में निर्धारित की गई दरों के अनुसार मानदेय दिया जा रहा है। ऐसे में कम मानदेय के कारण पुलिस ट्रेनिंग संस्थानों को अच्छे अतिथि व्याख्याता अर्थात गेस्ट फेकल्टी नहीं मिल पा रहे हैं। इसका सीधा सीधा असर पर पुलिस ट्रेनिंग पर पड़ना लाजिमी है। इसके उलट इण्डोर प्रशिक्षण में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से आने वाले अतिथि व्याख्याताओं को दिए जा रहे मानदेय की दरों में वर्ष 2022 में संशोधन कर प्रति कालांश 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को आउटडोर गेस्ट फैकल्टी का प्रति कालांश मानदेय दो से तीन गुना दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। इसमें ड्रिल इंट्रीक्टर, पीटीआई के लिए वर्तमान दर 250 को बढ़ाकर 750 रुपए करने का प्रस्ताव दिया गया है; हथियार प्रशिक्षक, कौशल प्रशिक्षक का मानदेय 350 रुपए से बढ़ाकर 850 रुपए करने की बात है; उच्च दक्षता प्राप्त बाहर के उच्चाधिकारी प्रशिक्षकों को 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की मांग की है। प्रशिक्षण व्यय हेतु गठित समिति द्वारा संशोधन प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया है। महानिदेशक ट्रेनिंग सहित अन्य अधिकारियों की टिप्पणी के बाद प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजे गए; पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मंजूरी के लिए गृह विभाग भेजे गए हैं। इन गेस्ट फैकल्टी को दिया जाने वाला मानदेय इतना कम है कि वो ट्रेनिंग के लिए आना मुनासिब ही नहीं समझते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ आ भी जाते हैं तो बेरूखे मन से व्याख्यान देते हैं; अधिकांश गेस्ट फैकल्टी दूसरे शहरों से या फिर विशेष कोर्स के लिए दिल्ली तक से बुलाए जाते हैं। ऐसे में मानदेय कम मिलता है तो वो आने से कतराते हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्रेनिंग कैसे करवा रहे हैं।
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ASABHISHEK SHARMA1
Dec 20, 2025 12:37:09
Chittorgarh, Rajasthan:#बेगूं, चित्तौड़गढ़ - एंकर - चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं उपखंड क्षेत्र के बिछोर गांव में शनिवार को कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के तहत केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो कोटा द्वारा अफीम किसानों के लिए कृषि ड्रोन का लाइव प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उप नारकोटिक्स आयुक्त नरेश बुंदेल कोटा मौजूद रहे, वहीं आईसीएआर राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र अजमेर के विशेषज्ञों ने किसानों को ड्रोन तकनीक की जानकारी दी। ड्रोन के माध्यम से आधुनिक खेती, समय की बचत और सटीक छिड़काव के फायदे बताए गए। कार्यक्रम में बेगूं, पारसोली, दुगार, बिछोर, नाल और तेजपुर क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए।
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MIMohammad Imran
Dec 20, 2025 12:36:57
Jaipur, Rajasthan:एसडीएम ने लगाया जनसुनवाई शिविर, फरियादें सुनीं… अब कार्रवाई की परीक्षा जयपुर/रामपुरा डाबड़ी। रामपुरा डाबड़ी क्षेत्र में आज प्रशासन की ओर से जनसुनवाई शिविर का आयोजन किया गया, जहां उपखंड अधिकारी (SDM) ने मौके पर पहुंचकर आमजन की समस्याएं सुनीं। शिविर में राजस्व, भूमि, रास्ता, अतिक्रमण और प्रशासनिक स्तर पर लंबित कई प्रकरण सामने आए, जिनमें से कुछ मामलों को लेकर पीड़ितों की पीड़ा साफ झलकती नजर आई। शिविर के दौरान एक पीड़ित परिवार ने अपनी कृषि भूमि तक आने-जाने के रास्ते से जुड़े विवाद को अधिकारियों के समक्ष रखा। पीड़ित पक्ष ने बताया कि इस संबंध में वे पहले ही जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर चुके हैं। कलेक्टर कार्यालय द्वारा दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को जारी पत्र में उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और पटवारी को निर्देश दिए गए थे कि दोनों पक्षों को सुनकर पीड़ित परिवार को कृषि भूमि तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्ता दिलवाया जाए तथा प्रकरण का नियमानुसार निस्तारण किया जाए। पीड़ित परिवार का कहना है कि कलेक्टर कार्यालय से स्पष्ट निर्देश जारी होने के बावजूद अब तक जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। रास्ता विवाद जस का तस बना हुआ है, जिससे उनकी खेती, आवागमन और दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। इसी कारण मजबूर होकर उन्हें फिर से जनसुनवाई शिविर का सहारा लेना पड़ा। जनसुनवाई के दौरान SDM ने आवेदन और संबंधित दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक देखा और मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित राजस्व अधिकारियों को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। SDM ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रकरण को प्राथमिकता से देखा जाएगा और नियमों के अनुसार समाधान किया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि जनसुनवाई शिविर प्रशासन और आमजन के बीच संवाद का महत्वपूर्ण माध्यम है, लेकिन ऐसे शिविर तभी सार्थक माने जाएंगे जब उच्च अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों का समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन जमीन पर दिखाई देगा। लोगों का यह भी कहना है कि कई बार आदेश और निर्देश फाइलों तक सीमित रह जाते हैं, जिससे पीड़ितों को बार-बार गुहार लगानी पड़ती है। शिविर में मौजूद अन्य फरियादियों ने भी उम्मीद जताई कि प्रशासन इस बार सिर्फ आश्वासन तक सीमित न रहकर वास्तविक कार्रवाई करेगा। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कलेक्टर कार्यालय के निर्देशों के बाद संबंधित अधिकारी कितनी जल्दी मौके पर कार्रवाई करते हैं और पीड़ित परिवार को राहत मिलती है या नहीं। जनता ने अपनी बात प्रशासन तक पहुंचा दी है, अब यह देखना होगा कि जनसुनवाई शिविर के बाद समाधान जमीन पर कब और कैसे दिखाई देता है।
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SDShankar Dan
Dec 20, 2025 12:36:41
Jaisalmer, Rajasthan:जिला-जैसलमेर रामदेवरा, जैसलमेर में राष्ट्रगीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में सरकार द्वारा 150 रुपए का सिक्का जारी किया गया था। संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंदौर स्टेडियम में राष्ट्रगीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 150 रुपए के सिक्के का अनावरण 7 नवम्बर 2025 को किया गया था। यह आयोजन 7 नवम्बर 2025 से 7 नवम्बर 2026 तक एक साल तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी उत्सव के औपचारिक शुभारंभ का प्रतीक है।रामदेवरा के स्थानीय निवासी मुद्रा संग्रहकर्ता हुकम सिंह तंवर ने बताया कि यह सिक्का भारत सरकार की मुंबई एवं कोलकाता टकसाल में ढाला गया है।इस सिक्के का वजन 32 ग्राम है, जिसमें 60 फीसदी तांबा, 20 फीसदी निकल और 20 फीसदी जस्ते का मिश्रण है। यह सिक्का भी सीमित मात्रा में ही जारी किए गए हैं। यह सिक्का बाजार में प्रचलन हेतु नहीं आएगा सिर्फ़ सिक्कों के संग्रहकर्ता अपने शौक या इस दिन को यादगिरी के तौर पर रख सकते हैं और कोई भी सिक्का संग्राहक या सिक्का प्रेमी इस सिक्के को भारत सरकार की मुंबई एवं कोलकाता टकसाल से ऑनलाइन आवेदन कर मंगवा सकते हैं। रामदेवरा में यह सिक्का सभी लोगों के लिए काफी आकर्षक का केंद्र बना हुआ है।
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VTVinit Tyagi
Dec 20, 2025 12:36:02
Roorkee, Uttarakhand:रुड़की के मशरूम ग्राम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बუგ्गावाला में किया। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। मशरूम उत्पादन कम भूमि और कम जल में अधिक लाभ देता है, जिससे किसान कम समय में अच्छी आमदनी कर सकते हैं। एमबी फूड्स द्वारा विकसित इस ‘मशरूम ग्राम’ मॉडल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश की नई पहचान बताया। योजना से स्थानीय युवाओं, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को रोजगार और स्वरोज़गार के अवसर मिलेंगे, और यह मॉडल राज्य के अन्य क्षेत्रों के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा。
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