Back
पटना पटनदेवी कॉरिडोर से गुलजारबाग का नाम बदलेगा, मुस्लिम-हिन्दू विवाद
PJPrashant Jha2
Dec 15, 2025 09:10:16
Patna, Bihar
51 शक्तिपीठों में शक्तिपीठ पटनदेवी का भक्त सुगमतापूर्वक दर्शन पूजन कर सकें इसके लिए शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी कॉरिडोर का निर्माण बिहार सरकार जल्द कराएगी। इसके लिए करोड़ों की राशि बिहार सरकार खर्च करेगी। करोड़ों रुपये की लागत से बननेवाले इस कॉरिडोर का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों से आनेवाले भक्तों को आसानी से शक्तिपीठ में दर्शन कराना है। इसी के तहत सरकार पटना के गुलजारबाग का नाम भी बदलने की तैयारी में है। स्थानीय लोग डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद खुश हैं तो मुस्लिम नाराज। मुस्लिमो का कहना है कि यह नाम पुराना है इसके बदलने से इतिहास बदल जायेगा जो ठीक नही है। वही हिन्दू कहते हैं यहां माता का शक्तिपीठ है इस इलाके का नाम और स्टेशन का नाम माता के नाम पर पटनदेवी होना चाहिए। अब बताते हैं कि आखिर पटना के इस इलाके का नाम गुलज़ार बाग क्यों और कैसे पड़ा। इतिहास देखने से पता चलता है कि गुलजारबाग का नाम गुलजार अली के नाम पर रखा गया था। वह बिहार के दीवान नवाब मीर कासिम के छोटे भाई थे। नवाब कहने को तो दीवान थे, लेकिन सारी शक्ति छोटे भाई गुलजार के पास थी। करीब 1620 ईस्वी में उन्होंने पश्चिम दरवाजा के आगे के वीरान हिस्से को बाग में बदलना शुरू कर दिया। गुलजार के बाग का निर्माण करवाने की वजह से इसे गुलजारबाग नाम दिया गया। धीरे-धीरे बाग के आसपास के इलाके को ही गुलजारबाग कहा जाने लगा। पूर्व में पश्चिम दरवाजा, पश्चिम में आलमगंज, उत्तर में गंगा और दक्षिण में रेलवे लाइन के बीच का क्षेत्र शुरू से लेकर आज तक गुलजारबाग के नाम से ही जाना जा रहा है। अब डिप्टी सीएम पटनदेवी कॉरिडोर निर्माण और गुलजारबाग का नाम बदलने की बात कह रहे हैं तो पटना पटनदेवी मन्दिर में मौजूद भक्त सरकार से गुलजारबाग का नाम पटनदेवी करने की मांग कर रहे हैं। खुद मन्दिर के महंत गिरी कह रहे हैं कि यह मांग उन्होंने पहले से ही कि है। इस क्षेत्र का संबंध ब्रिटिश शासन के समय व्यापार के बड़े केंद्र में तब्दील हो गया। बंदरगाह होने से माल ढोने में आसानी होती थी, जिससे व्यापार सस्ता और सुगम्य था। अंग्रेजो ने गुलजारबाग में एक अफीम कारखाना खोला। अफीम पर पाबंदी लगने के बाद कारखाने को सरकारी प्रेस में बदल दिया गया। इस क्षेत्र का संबंध स्वतंत्रता सेनानियों से भी रहा है। इनमेंायत अली और विलायत अली नाम के दो भाई आंदोलन के नेता थे।
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
Raebareli, Uttar Pradesh:रायबरेली: रायबरेली में ठंड का कहर
कोहरे ने धीमी की वाहनों की रफ्तार
वाहन चालक लाइट जलाकर धीमी गति से चला रहे वाहन
लखनऊ-प्रयागराज NH30 मार्ग पर दिखा कोहरे का असर।
0
Report
DPDharmendra Pathak
FollowDec 16, 2025 02:34:020
Report
MKMANTUN KUMAR ROY
FollowDec 16, 2025 02:32:510
Report
JJJAYESH JAGAD
FollowDec 16, 2025 02:31:200
Report
PKPramod Kumar Gour
FollowDec 16, 2025 02:30:460
Report
SSSHARVAN SHARMA
FollowDec 16, 2025 02:30:320
Report
KLKANHAIYA LAL SHARMA
FollowDec 16, 2025 02:30:160
Report
0
Report
0
Report
SPSohan Pramanik
FollowDec 16, 2025 02:17:460
Report
0
Report
SGSANJEEV GIRI
FollowDec 16, 2025 02:17:070
Report
PKPradeep Kumar
FollowDec 16, 2025 02:02:500
Report
RMRam Mehta
FollowDec 16, 2025 02:02:360
Report
ASAshok Singh Shekhawat
FollowDec 16, 2025 02:02:210
Report